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Solar Pump

किसान के खर्चो में कमी करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है सोलर एनर्जी पर निर्भरता

किसान के खर्चो में कमी करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है सोलर एनर्जी पर निर्भरता

खेती किसानी में बढ़ते हुए खर्चों के कारण किसानों की लागत एवं आमदनी में अंतर बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि खेती में लगने वाली लागत में बेतहासा वृद्धि हुई है, लेकिन उस अनुपात में खेती से होने वाली आमदनी में बढ़ोत्तरी नहीं देखी गई है। इसलिए सरकार समय-समय पर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास करती रहती है। इसी श्रृंखला में आज हम बताने जा रहे हैं सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी (Solar Energy) के बारे में, जो परंपरागत बिजली बचाने के साथ-साथ किसानों के खर्चों में लगाम लगाने में सहायक हो सकती है। इसके लिए किसानों को अपनी खेती को परंपरागत बिजली की जगह सोलर एनर्जी से प्राप्त बिजली में स्थानान्तरित करना होगा। किसान सिंचाई के साथ अन्य चीजों में सोलर बिजली का उपयोग कर सकते हैं। इससे एक तरफ तो सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बिजली की खपत कम होगी, तो दूसरी तरफ बिजली का बिल न आने के कारण किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानि 'प्रधानमंत्री कुसुम योजना' (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahabhiyan - 'PM KUSUM Scheme') के नाम से एक योजना भी चलाई है, जिसमें सरकार किसानों को डीजल-पेट्रोल के पम्पों की जगह सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों को लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।


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क्या है प्रधानमंत्री कुसुम योजना?

इस योजना की घोषणा सबसे पहले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की थी, जिसमें किसानों को सिंचाई का एक अच्छा माध्यम देने के लिए डीजल-पेट्रोल से चलने वाले पम्पों को सौर ऊर्जा से चलने वाले पम्पों से बदलने के लिए कहा गया था। इस योजना का उद्देश्य किसानों को पूरी तरह से सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा पर निर्भर बनाना है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 34,422 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है, जिसके तहत किसानों को सोलर पम्प लगाने पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत सोलर पम्प खरीदने के लिए 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार प्रदान करेगी, जबकि 30 प्रतिशत राशि किसान बैंकों से ऋण के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस ऋण को किसानों को बैंकों को वापस करना होगा। बाकी बची हुई 10 प्रतिशत राशि का खर्च किसान को खुद वहन करना होगा। PM Kusum Yojna : Source: https://pmkusum.mnre.gov.in/landing.html

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपने खेतों में सोलर पैनल (Solar Panel) और सोलर पम्प (Solar Pump) लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। सरकार ऐसे राज्यों के किसानों को सोलर पंप या सोलर पैनल प्रदान करने की कोशिश कर रही है, जहां किसानों की, पानी की कमी की वजह से फसलें उजड़ जाती हैं, साथ ही किसान खुद के पैसों से सोलर पैनल लगवाने में समर्थ नहीं हैं। इन सोलर पैनलों से प्राप्त बिजली का उपयोग किसान सिंचाई के साथ-साथ घर के अन्य कार्यों के लिए भी कर सकते हैं। साथ ही अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकते हैं, जिनसे किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो सकती है।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरुरत होती है?

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको आधार कार्ड, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, किसान होने का सर्टिफिकेट, बैंक में खाता, जमीन का विवरण, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो की जरुरत पड़ेगी।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना से क्या लाभ हैं?

इस योजना में सोलर पैनल लगवाने पर किसान को लागत का मात्र 10 प्रतिशत ही भुगतान करना होता है। सोलर पैनल लगने के कारण सिंचाई के अलावा अतिरिक्त बिजली का उपयोग घर के अन्य कामों के लिए किया जा सकता है। जिस भूमि पर पानी की कमी के कारण अनाज नहीं उगाया जाता था उस पर अब अनाज उगाया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होगी। इससे किसानों को आर्थिक तंगी से बचाया जा सकेगा जिससे किसानों की आत्महत्याओं में कमी लाई जा सकेगी।


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सोलर पैनल लगवाने के बाद बार-बार बिजली का बिल भरने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस योजना के तहत लगने वाले सोलर पैनलों से जो अतिरिक्त बिजली बनेगी, उसे किसान सरकार को बेचकर कुछ अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना से प्राप्त बिजली के उपयोग से परोक्ष रूप से किसान पर्यावरण को भी हानि नहीं पहुंचाते हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में आवेदन कैसे करें?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना में आवेदन करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग आधिकारिक वेबसाइट हैं, जो सम्बंधित राज्य के कृषि एवं ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चलाई जाती हैं। इच्छुक किसान अपने राज्य की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। अप्लाई करने के 90 दिनों के भीतर सहायता राशि मुहैया करवाकर सोलर पम्प चालू कर दिए जाते हैं।
अन्न के साथ किसान पैदा कर रहे ऊर्जा, बिना बिजली के खेतों तक पहुंच रहा पानी

अन्न के साथ किसान पैदा कर रहे ऊर्जा, बिना बिजली के खेतों तक पहुंच रहा पानी

क्या आप कभी ऐसा सोच सकते हैं, कि बिना बिजली कनेक्शन के खेतों तक पानी पहुंच जाए? जाहिर है, कि ये बात हर किसी को नामुमकिन लगेगी. आपको बता दें किसानों ने इसी नामुकिन सी बात को मुमकिन कर दिखाया है. आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश में एक विकासशील राज्य है. लेकिन वहन अभी भी इसे कई कृषि क्षेत्र हैं, जहां पर बिजली का कनेक्शन नहीं पहुंचा है. ऐसी स्थिति में कृषि क्षेत्रों के लिए एमपी सरकार की सोलर पंप योजना को काफी ज्यादा पसंद की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में 20 हजार 6 सौ से ज्यादा सोलर पंप क्षेत्रों में स्थापित किये गये हैं. जिसके बाद एमपी के किसान सिर्फ अन्न ही नहीं बल्कि खेतों में उर्जा भी पैदा कर रहे हैं.

एमपी सरकार ने शुरू की योजना

मध्य प्रदेश की सिवराज सिंह चौहान की सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी योजन की शुरुआत की है. इस योजना के तहत
किसानों के लिए सोलर पंप की सौगात दी है. सरकार की इस योजना के पीछे सिर्फ एक ही उद्देश्य है, कि किसान भाई बिजली कनेक्शन के बिना अपने खेतों की फसलों में सिंचाई कर सकें. बिजली की समस्या से राज्य के कई ग्रामीण क्षेत्र के किसान परेशान हैं. बिजली ही एक मात्र ऐसा जरिया है, जिससे खेतों में पानी पहुंचाया जा सके. किसानों की इस समस्या को देखते हुए, सरकार ने नई योजना शुरू करके किसानों के लिए एक विकल्प तैयार कर दिया है. जिससे किसान खेतों में सोलर पंप की मदद सिंचाई करने का फायदा उठा रहे हैं.

बदल गयी सोलर पंप से तक़दीर

राज्य सरकार के मुताबिक 20 हजार 6 सौ से ज्यादा सोलर पंप खेतों में लगाये जा चुके हैं. वहीं सरकार का लक्ष्य 60 हजार सोलर पंप लगाने का है. सबसे अहम बात यह है कि, इस योजना का फायदा उन किसानों को सबसे ज्यादा मिल रहा है, जिनके नदी, तालाब, नलकूप या फिर अन्य स्रोत में पानी था, लेकिन उस पानी का इस्तेमाल करने के लिए बिजली नहीं मिल पा रही थी. जो भी किसान भाई सरकार की सोलर पंप वाली योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड भोपाल में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. रजिस्ट्रेशन के लिए 5 हजार रुपये की धनराशी निर्धारित की गयी है. ऐसे में अगर किसी किसान का रजिस्ट्रेशन रिजेक्ट होता है, तब किसान को पूरा अमाउंट लौटा दिया जाएगा.

सरकार देगी अनुदान

सोलर पंप के लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक एचपी डीसी समर्सिबल पंप के लिए किसानों को सिर्फ 19 हजार रूपये देने होंगे. जिसके माध्यम से उन्हें करीब 30 हजार का फायदा दिया जाएगा. बात दो एचपी डीसी सरफेस की करें तो, उसके लिए किसान को 23 हजार रुपये देने होंगे. दो एचपी डीसी समर्सिबल के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये में किसान को सोलर पंप की सुविधा मिलेगी.

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तीन एचपी के लिए 36 हजार और 5 एचपी के लिए 72 हजार, तो वहीं 7.5 एचपी के लिए एक लाख 35 हजार रुपयों का भुगतान किसानों को करना होगा.

इस योजना के लिए पात्रता

  • मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना की पात्रता के लिए किसान आवेदक को एमपी का स्थाई निवासी होना जरूरी है.
  • आवेदक के पास किसान कार्ड भी होना जरूरी है.
  • आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, खेती योग्य जमीन के कागज, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज़ की फोटो के साथ आवेदक का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
  • एमपी के किसी भी क्षेत्र का किसान क्यों ना हो, वो मुख्यमंत्री किसान सोलर पंप योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है.

इन नियमों का जानना जरूरी, वरना नहीं मिलेगा सोलर पंप

  • आवेदक किसान सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सिंचाई के लिए ही कर सकता है.
  • सोलर पंप से निकले पानी को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता.
  • मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम से सोलर पंप की स्थापना के लिए सहमती लेनी जरूरी होगी.
  • जहां पर बिजली कनेक्शन नहीं है, यह योजना सिर्फ उन्हीं किसानों के लिए बनाई गयी है.
अब बंजर जमीन से किसानों की होगी भारी कमाई, हर एकड़ में मिल सकते हैं एक लाख रुपये

अब बंजर जमीन से किसानों की होगी भारी कमाई, हर एकड़ में मिल सकते हैं एक लाख रुपये

देश की केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है, जिसके लिए कई योजनाएं लागू की गई है जो किसानों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लाभ प्रदान कर रही हैं। इसी तरह की एक योजना है प्रधानमंत्री कुसुम योजना। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को अपने खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए भारी सब्सिडी दे रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत पर या बंजर जमीन पर सोलर पंप लगवा सकते है। जिसके लिए सरकार 60 फीसदी का अनुदान दे रही है। इस योजना को साल 2019 में शुरू किया गया था और अब इस योजना पर लगातार काम किया जा रहा है ताकि किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जा सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण से मुक्त और बेहद कम दामों में किसानों को सिंचाई उपलब्ध करवाना है। सरकार ने अपनी इस योजना के बारे में बताया है कि इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल फ्री मिलते हैं, जिससे वो आसानी से बिजली बना सकते हैं। उस बिजली को अपनी अवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं तथा बाकी बची बिजली को बेंचकर अतिरिक्त आमदनी हासिल कर सकते हैं। बची हुई बिजली को विद्युत वितरण कंपनी खरीद लेती है, साथ ही अगले 25 सालों तक इनकम की गारंटी भी देती है। लेकिन किसान को ध्यान रखना होगा कि सोलर प्लांट लगवाने के लिए किसान की जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर तक दायरे में होनी चाहिए। नवीनीकृत स्रोतों से बनाई जाने वाली बिजली प्रदूषण रहित होती है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। इसके साथ ही इसको बनाने में लागत भी कम आती है।

प्रति एकड़ एक लाख रुपये तक की हो सकती है कमाई

सरकार की कोशिश है कि किसान भाई इस योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों में लगे डीजल पंपों को बंद कर दें और सौर ऊर्जा से चलित पंपों का इस्तेमाल करें। इससे एक ओर प्रदूषण में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर डीजल की खपत भी कम होगी। जिससे केंद्र सरकार के ऊपर कच्चे तेल के आयात का बोझ कम होगा। इसके अलावा किसान भाईयों को बची हुई बिजली विद्युत वितरण कंपनी को बेंचने पर हर माह प्रति एकड़ 1 लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। यह आमदनी किसान को आगामी 25 वर्षों तक होती रहेगी। ये भी देखें: इस तकनीक के जरिये किसान 1 एकड़ जमीन से कमा सकते है लाखों का मुनाफा

इस प्रकार उठा सकते हैं सब्सिडी का फायदा

केंद्र सरकार ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत सोलर पैनल लगवाने पर किसान को कुल राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत ही भुगतान करना होता है। इसके अलावा सरकार किसान को कुल राशि का 60 प्रतिशत देती है, जो सब्सिडी के रूप में होता है। इस राशि में से 30 प्रतिशत केंद्र सरकार की तरफ से तथा 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की तरफ से वहन की जाती है। बाकी बची हुई 30 प्रतिशत राशि किसान को बैंक लोन के रूप में प्रदान की जाती है, जिसे किसानों को समय पर किस्तों के माध्यम से वापस करना होता है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसान भाइयों को होंगे ये फायदे

  • इस योजना के माध्यम से बिना एकमुश्त राशि दिए आसानी से किसान की भूमि में सोलर पैनल लगाए जाते हैं। जिन्हें बेकार पड़ी जमीन में भी लगवाया जा सकता है।
  • इससे किसानों को फ्री बिजली मिलेगी जिससे सिंचाई में आसानी होगी। फ्री बिजली मिलने से किसानों का सिंचाई में होने वाला व्यय घटेगा।
  • इस योजना से किसानों की डीजल पर से निर्भरता कम होगी।
  • अतिरिक्त बिजली को आगामी 25 सालों तक बेंचकर किसान भाई अपने लिए अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।
  • इस योजना के माध्यम से पर्यावरण में प्रदूषण कम किया जा सकेगा।

इनको मिलेगा प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ

देश में प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ किसानों के साथ-साथ सहकारी समितियों को, पंचायतों को, किसानों के समूहों को, किसान उत्पादक संगठनों को और जल उपभोक्ता एसोसिएशनों को भी मिलेगा।

इस योजना का लाभ पाने के ये डाक्यूमेंट्स होंगे जरूरी

इस योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी के पास आधार कार्ड, आवेदन करने वालों की पासपोर्ट साइज़ की फोटो, पहचान पत्र, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी, बैंक खाते की डिटेल, जमीन के दस्तावेज और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। ये सभी डाक्यूमेंट्स आवेदन करते समय लगाने अनिवार्य हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ पाने के लिए इस प्रकार से करें आवेदन

आवेदनकर्ता प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ पाने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट mnre.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने नोडल ऑफिसर से सम्पर्क कर सकते हैं।
इस राज्य में हिम ऊर्जा सोलर पॉवर यूनिट लगवाने पर 40% प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा

इस राज्य में हिम ऊर्जा सोलर पॉवर यूनिट लगवाने पर 40% प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा

हिमाचल प्रदेश में हिम ऊर्जा का 250 से 5 मेघावाट का भूमि पर पॉवर प्लांट स्थापित करने का प्रोजेक्ट चालू किया गया है, जिसके अंतर्गत 250 से 1 मेघावाट के प्रोजेक्ट के लिए कोई भी हिमाचली युवा इस प्रोजेक्ट को लगवा सकता है। साथ ही, सरकार को बिजली बेच कर बेहतरीन आमदनी कर सकता है। हिमाचल प्रदेश सोलर ऊर्जा के मामले में अग्रणी राज्यों में से एक है। साथ ही, सरकार की तरफ से इसके विकास और उन्नति हेतु बहुत सारे कदम उठाए गए हैं। जिनके अंतर्गत हिम ऊर्जा के 250 मेगावाट से 5 मेघावाट के प्रोजेक्ट के जरिए जहां एक ओर बिजली की परेशानियां दूर की जा सकती हैं। दूसरी तरफ बेरोजगार युवाओं के लिए एक रोजगार का उत्तम विकल्प भी है। यहां हिम ऊर्जा के सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की संपूर्ण जानकारी है।

हिम ऊर्जा के रूफ टॉप पावर प्लांट स्थापना हेतु मिलेगा 40% प्रतिशत अनुदान

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष योजना जारी की गई है। इस योजना का नाम "सौर उत्पादक एवं अधिगम परियोजना" है। इस योजना के अंतर्गत, निजी एवं सरकारी संस्थानों की छत पर सोलर प्लांट स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के चलते सरकारी संस्थानों को 70% प्रतिशत तो वहीं निजी संस्थानों को 30% फीसद अनुदान मुहैय्या किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपने घर की छत पर 1 से 3 किलोवाट का पॉवर प्लांट स्थापित कर सकता है। इसके लिए हिमाचल सरकार भी 40% प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान करती है। इसके साथ ही, योजना के तहत स्थापित सोलर प्लांट की ऊर्जा उत्पादन भी उस संस्था हेतु निःशुल्क होती है, जिसमें वह लगवाई गई है। यह भी पढ़ें : इस राज्य के किसानों को मिलेगा सोलर पंप पर अब 75% प्रतिशत अनुदान इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है, कि हिमाचल प्रदेश के संस्थानों के तरफ से उत्पन्न विघुत खर्च कम किया जा सके। वह स्वतंत्र ऊर्जा के स्रोत का इस्तेमाल करके अपनी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ती की सकें। यह योजना हिमाचल प्रदेश के लिए एक काफी बड़ी पहल है, जो कि स्वतंत्रता से विघुत उत्पादन करने में सहायक भूमिका निभाएगा।

किसान भाई अपनी भूमि पर सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर अच्छी आय कर सकते हैं

जानकारी के लिए बतादें, कि हिमाचल प्रदेश के अंदर हिम ऊर्जा का 250 से 5 मेघावाट का भूमि पर पॉवर प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट चालू किया गया है। इसके अंतर्गत 250 से 1 मेघावाट के प्रोजेक्ट हेतु कोई भी हिमाचली युवा इस प्रोजेक्ट को स्थापित कर सकते हैं। साथ ही, सरकार भी बिजली बेचकर काफी बेहतरीन आमदनी कर सकती है। इसके अतिरिक्त गैर हिमाचली भी 1 से 5 मेघावाट तक का हिम ऊर्जा का प्रोजेक्ट स्थापित कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान रहे कि हिमाचल प्रदेश में उसकी स्वयं की भूमि हो अथवा लीज पर ली गई हो। इस प्रोजेक्ट में 1 मेघावाट तक का पॉवर प्लांट स्थापित करवाने हेतु न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के खर्चे की आवश्यकता होगी। यह भी पढ़ें : किसान के खर्चो में कमी करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है सोलर एनर्जी पर निर्भरता

हिमाचल प्रदेश में समकुल कितने हिम ऊर्जा के प्रोजेक्ट हैं

हिमाचल प्रदेश में समकुल 330 MW का सोलर पॉवर प्रोजेक्ट चालू किया गया है। इनमें से 10 MW की लगवाने हेतु सोलन जनपद में, 100 MW का स्थापित करने ऊना जनपद में वहीं 210 MW की स्थापना कांगड़ा जनपद में की गई हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपने अनुमति पत्र वापस लेने के उपरांत कुछ प्रोजेक्ट हेतु अधिकृत ठहराया है। बाकी प्रोजेक्ट भी चालू होने वाले हैं।

हिमाचल प्रदेश में सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट से होंगे काफी फायदे

सोलर पॉवर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए काफी सहायक भूमिका निभा रहा है। इससे यहां की जनता के साथ सरकार को भी काफी फायदा पहुंच रहा है। जानकारी के लिए बतादें कि इससे रोजगार के विकल्प भी उत्पन्न हो रहे हैं। साथ ही, विघुत आपूर्ति में भी इजाफा हो रहा है। इसकी वजह से राज्य में निवेश भी काफी बढ़ रहा है। सोलर ऊर्जा के माध्यम से सड़कों एवं गलियों में विघुत तारों के जाल से निजात मिलती है। साथ ही, सबसे प्रमुख और विशेष बात यह है, कि सोलर ऊर्जा के माध्यम से जल और जलवायु संरक्षण में सहायता मिलती है। साथ ही, लोगों की जीवन शैली में भी काफी हद तक सुधार होता है।

सोलर पॉवर प्रोजेक्ट पर लगभग कितना खर्च हो सकता है

बतादें, कि सोलर पॉवर प्रोजेक्ट हेतु समकुल निवेश की गणना करना काफी मुश्किल है। हालाँकि, जानकारी साझा करते हुए हिमाचल प्रदेश हिमऊर्जा के प्रोजेक्ट मैनेजर विनीत सूद ने कहा है, कि प्रोजक्ट पर आने वाला खर्चा उसके आकार पर निर्भर करता है। यानी कि प्रोजेक्ट का आकार जितना होगा और इसकी जितनी क्षमता होगी उतना ही लागत पर खर्चा आयेगा। उन्होंने कहा है, कि 1 MW सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए समकुल निवेश तकरीबन 1 करोड़ रुपये तक हो सकता है। इस आधार पर यदि MW के आकार में इजाफा होता है, तो लागत में भी इजाफा हो जाता है।
इस राज्य के किसानों को मिलेगा सोलर पंप पर अब 75% प्रतिशत अनुदान

इस राज्य के किसानों को मिलेगा सोलर पंप पर अब 75% प्रतिशत अनुदान

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पीएम कुसुुम योजना केंद्र सरकार की बेहतरीन योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है। फिलहाल, इसके अंतर्गत किसान भाइयों को 75 प्रतिशत अनुदान मुहैय्या कराया जा रहा है। इसकी मदद से किसान भाइयों को बेहद सस्ती दरों पर अपने खेतों में सोलर पंप लगवाने में सहायता मिलेगी। खेती-किसानी के लिए जितना आवश्यक मृदा का उपयुक्त होना है। उतना ही बेहतर बीजों का होना भी रहता है। इनके न होने पर फसल पर काफी बुरा असर पड़ता है। साथ ही, जल रहित कृषि की कल्पना करना भी मुश्किल होता है। खरीफ सीजन की फसलें सामान्यतः जल के अभाव का सामना करती हैं। धान और गन्ना की फसलों को अधिकांश जल की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की सहायता के लिए खड़ी होती हैं। किसानों को सिंचाई के लिए विभिन्न संसाधन मुहैय्या कराए जाते हैं। किसानोें का सिंचाई पर ज्यादा खर्चा ना हो पाए, इसके संबंध में एक राज्य सरकार बड़ी सहूलियत दे रही है।

हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों को सिंचाई के लिए 75 % अनुदान

हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों के हित में सिंचाई पर अनुदान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के स्तर से देश के तमाम राज्यों के कृषकों की सहायता कर रही है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा उत्थान महाभियान के अंतर्गत हरियाणा राज्य सरकार किसानों को 75 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। ये भी पढ़े: किसानों के लिए खत्म होगा बिजली का संकट, 2 हजार यूनिट बिजली मिलेगी मुफ़्त

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत 60 प्रतिशत तक अनुदान

केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री कुसुम योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत कृषकों को 60 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत किसानों को अपने खेतों पर सोलर पंप लगवाने के खर्चे का 30 प्रतिशत तक कर्ज प्रदान करती है। कृषकों को सोलर प्लांट लगाने सिर्फ 10 प्रतिशत तक खर्चा करनी पड़ेगी।

75 प्रतिशत सब्सिडी किस पर मिलेगी

हरियाणा सरकार ने पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को बड़ी सहूलियत प्रदान की है। एक से 10 हॉर्स पॉवर बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल आवेदकों को 75 प्रतिशत तक अनुदानित दर पर सौर पंप उपलब्ध कराया जाएगा।

आवेदन की आखरी तिथि 15 मई तक है

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया चालू हो गई है। 28 अप्रैल से पोर्टल पर आवेदन चालू कर दिया है। किसान भाई आवेदन की आखरी तिथि तक 15 मई तक ही कर सकते हैं। आवेदन में लगभग एक सप्ताह का वक्त रह गया है। पीएम कुसुम योजना के लिए आवेदक आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.hareda.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 75 % अनुदान दे रही है

हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 75 % अनुदान दे रही है

हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना और उत्थान महाभियान के अंतर्गत खेतों में सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। इसके अंतर्गत किसानों को सरकार की तरफ से अच्छा-खासा अनुदान दिया जाएगा। हरियाणा में खेती- किसानी करने वाले कृषकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। वर्तमान में उन्हें अपनी फसलों की सिंचाई करने को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। बिजली बिल पर आने वाले खर्चे से उन्हें राहत मिलेगी। क्योंकि, हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के खेत में सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। हरियाणा सरकार का कहना है, कि सोलर पंप स्थापित करने से किसानों की फसल को वक्त पर पानी मिल सकेगा। इससे फसलों का उत्पादन बढ़ जाएगा। अब ऐसी स्थिति में किसान पहले की तुलना में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।

सिंचाई के लिए डीजल बिजली खर्च करना पड़ता है

दरअसल, किसानों के समक्ष समयानुसार फसलों की सिंचाई करना एक बड़ी चुनौती रहती है। हरियाणा के समस्त इलाकों में नहर का पानी नहीं पहुंचता है। ऐसी स्थिति में किसान ट्यूबवेल की सहायता से सिंचाई करते हैं। ये सारे ट्यूबवेल बिजली अथवा डीजल से चलते हैं। अब ऐसी स्थिति में समस्त किसान डीजल और बिजली बिल का खर्च नहीं उठा पाते हैं। साथ ही, कभी- कभी गांवों में लंबे समय तक बिजली गायब हो जाती है। इससे भी सिंचाई समयानुसार नहीं हो पाती है। इन्हीं समस्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। ये भी पढ़े: सिंचाई समस्या पर राज्य सरकार का प्रहार, इस योजना के तहत 80% प्रतिशत अनुदान देगी सरकार

आवेदन की अंतिम तिथि

हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना और उत्थान महाभियान के अंतर्गत खेतों में सोलर पंप लगाने का ऐलान किया है। इसके अंतर्गत किसानों को सरकार अच्छा-खासा अनुदान देगी। यदि किसान भाई अपने खेत में सोलर पंप लगाना चाहते हैं, तो वह आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.hareda.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तारीख 12 जुलाई तक ही है। इस वजह से किसान भाई अतिशीघ्र अनुदान का फायदा उठाने के लिए आवेदन करें।

योजना का फायदा लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज

मुख्य बात यह है, कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा और उत्थान महाभियान के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत में 3 से 10 HP के सोलर पंप स्थापित कर सकते हैं। इसके ऊपर हरियाणा सरकार 75 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान करेगी। विशेष बात यह है, कि इस योजना में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों को सोलर पंप हेतु अनुदान का लाभ दिया जाएगा। साथ ही, इस योजना का फायदा उठाने वाले कृषकों के पास हरियाणा परिवार पहचान पत्र, आवेदक के नाम पर बिजली पम्प का कनेक्शन और कृषि भूमि का जमाबंदी अवश्य होना चाहिए।
सोलर पैनल के उपयोग से खेती की उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है, इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं

सोलर पैनल के उपयोग से खेती की उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है, इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं

सोलर पैनल के इस्तेमाल से किसान सुगम तरीके से अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। भारत सरकार सोलर पैनल लगाने पर कृषकों को भारी अनुदान भी प्रदान कर रही है। हमारे भारत के किसान कृषि के लिए अनियमित मानसून एवं अपर्याप्त विद्युत प्रणालियों पर आश्रित रहते हैं। इन चुनौतियों की वजह से किसानों की फसल उत्पादन क्षमता में गिरावट आती है। भारतीय किसानों के समीप भारत की उष्णकटिबंधीय जलवायु के रूप में एक मूल्यवान सोलर संपत्ति है, जो कृषकों को खेतों में सौर पैनल स्थापित कर ऊर्जा एवं पानी की जरूरतों को पूरा करने का अवसर प्रदान करती है। सौर पैनलों का उपयोग भारत के कृषि परिदृश्य को देखते हुए इसे एक बेहतर उपयोग के तौर पर लिया जा सकता है। फिलहाल, भारत में सौर पैनलों की काफी ज्यादा मांग भी है और भारत सरकार इसके इंस्टालेशन पर सब्सिड़ी भी उपलब्ध करा रही है।

ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने में सहयोगी

भारत के ग्रामीण इलाकों में आम तौर पर बिजली की कमी अथवा आपूर्ति सही वक्त पर नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में खेतों पर सौर पैनल स्थापित करके, किसान अपनी स्वयं की बिजली पैदा कर सकते हैं, जिससे सिंचाई, मशीनरी एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे किसानों की ग्रिड पर निर्भरता काफी कम होती है। साथ ही, उत्पादकता में भी काफी सुधार आऐगा। ये भी देखें: पंजाब सरकार सिचाईं पर करेगी खर्च कम, लेगी सौर ऊर्जा की मदद

सौर ऊर्जा से सिंचाई सुगमता से की जा सकती है

खेती किसानी पूर्णतय पानी पर आश्रित होती हैं। वहीं, सौर ऊर्जा के जरिए से फसलों में सिंचाई के लिए कुओं एवं अन्य जल स्रोतों से पानी पंप करने में सहयोग मिलता है। सौर ऊर्जा से संचालित पंप भरपूर मात्रा में सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल करके दिन के दौरान कार्य कर सकते हैं, जो पौधों की सिंचाई की आवश्यकता को पूर्ण कर सकता है।

अत्यधिक पैसों की बर्बादी पर रोकथाम

साधारण बिजली के मुकाबले में सोलर पैनल पर काफी कम खर्च आता है। एक बार सौर पैनल स्थापित हो जाने के उपरांत, उनकी परिचालन एवं रखरखाव लागत अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे किसानों को बाकी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए धन की बचत हो पाती है। खेती के अतिरिक्त सौर ऊर्जा किसानों को आय का एक अतिरिक्त जरिया प्रदान कर सकती है। किसान भाई अतिरिक्त बिजली पैदा करके इसे नेट मीटरिंग के जरिए से ग्रिड को वापस बेच सकते हैं, जिससे इनकी आमदनी भी होगी। ये भी देखें: जाने खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए कैसे कमा रहे हैं किसान ज्यादा आमदनी

यह पूर्णतय रिमोट एक्सेस है

सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रौद्योगिकियों को डिजिटल टूल एवं सेंसर के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे किसानों को अपने खेतों की दूर से निगरानी एवं प्रबंधन करने में सुगमता होती है। इसमें मिट्टी की नमी, मौसम की स्थिति और फसल स्वास्थ्य की निगरानी करना, निर्णय लेने में सक्षम बनाना और संसाधन उपयोग को अनुकूलित करना शम्मिलित है।

ग्रामीण विकास में काफी सहयोगी है

खेतों पर सौर पैनल स्थापित करने से इसके रखरखाव एवं मरम्मत के लिए स्थानीय रोजगार उत्पन्न होते हैं। इससे ग्रामीण समुदायों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। भारत सरकार भी लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन, सब्सिडी, योजनाएं एवं नीतियां प्रदान करती रहती है। कृषक भाई भी इन योजनाओं का फायदा उठाते हैं।
इस योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान की जाती है ?

इस योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान की जाती है ?

कृषक भाइयों के फायदे के लिए सरकार निरंतर विभिन्न योजनाऐं संचालित करती है। कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए सरकार कुसुम योजना चला रही है, जिसका आप फायदा उठा सकते हैं। सोलर पंप एक ऐसा साधन है, जिससे किसान भाइयों को बिजली बिल से सहूलियत मिलती है। ये पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप स्थापित कराने के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। अगर हम इसकी लागत की बात करें तो ये खेती में सिंचाई की आवश्यकताओं, खेत की मृदा की प्रकृति एवं सोलर पंप की क्षमता पर निर्भर होती है। सोलर पंप की स्थापना के लिए आप सरकार की योजनाओं का भी फायदा उठा सकते हैं। सरकार बहुत सारी योजनाओं के अंतर्गत कृषकों को सोलर पंप लगवाने के लिए अनुदान देती है।

कुसुम योजना के तहत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है 

बतादें, कि कुसुम योजना भी इन्हीं में से एक है। इस योजना के अंतर्गत कृषकों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 60% प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पंप कृषकों के अतिरिक्त पंचायतों एवं सहकारी समितियों को भी निशुल्क मुहैय्या कराए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना के लिए लागत का 30 फीसद तक ऋण मुहैय्या कराती है। यही, वजह है कि कृषकों को इस परियोजना पर सिर्फ दस फीसद खर्च करना पड़ेगा। इस योजना से कृषकों की सिंचाई की दिक्कतें हल हो सकती हैं। साथ ही, कृषकों को बिजली अथवा डीजल पंपों से सिंचाई करने पर ज्यादा धन खर्च करना होता है।

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कुसुम योजना का लाभ लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज 

  • लाभार्थी किसान का आधार कार्ड
  • लाभार्थी किसान का राशन कार्ड
  • लाभार्थी किसान की बैंक अकाउंट डिटेल्स
  • सोलर पंप का उपयोग करने से होने वाले लाभ
  • सोलर पंप के जरिए खेती करने से बिजली की जरूरत नहीं होती, जिससे किसानों को बिजली बिल से छुटकारा मिलता है। 
  • सोलर पंप पर्यावरण के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होती हैं, क्योंकि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। 
  • सोलर पंप का खर्चा काफी कम होता है और इनका रख-रखाव भी काफी सामान्य रहता है। 
यूपी सरकार द्वारा सोलर पंप पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सोलर पंप पर भारी छूट

यूपी सरकार द्वारा सोलर पंप पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सोलर पंप पर भारी छूट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा सोलर पंप योजना उत्तर प्रदेश (Solar Pump Scheme UP 2024) का आरम्भ किया गया है| यह योजना मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के किसानो के हित में आरम्भ की गयी है | यह किसानो के लिए एक बहुत ही लाभकारी योजनाओं में से एक है | वर्तमान समय में पेट्रोल और डीजल के दाम इतने ज्यादा अधिक बढ़ चुके है कि किसान खेतों में पानी डीजल इंजिन से लगाकर लाभ नहीं प्राप्त कर सकता है, और खेती में सिर्फ पानी देने की वजह से बहुत अधिक खर्च आ जाता है | इस समस्या से किसान बहुत अधिक परेशान रहते है| 


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इसके अलावा खेतों में पानी के लिए कई गांवों में अभी तक बिजली की समस्या बनी हुई है | जहाँ ट्यूबेल की लिए बिजली की समस्या अभी भी बनी हुई है| फसल को समय से पानी देने के लिए और किसानों को इसका कोई खर्च न उठाना पड़ें इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सोलर पंप योजना की शुरुआत करके नई सौगात दी है | सोलर पम्प योजना का लाभ प्राप्त कर किसानो को सिंचाई व्यवस्था में लाभ होगा इससे किसानो को अधिक खर्च की जरूरत नहीं होगी | उत्तर प्रदेश के 10,000 गावो में इस सोलर पंप को लगाने की योजना बनायीं गयी है | जिसमे एक सोलर पंप के जरिये कई किसानो की समस्याओ का समाधान होगा | यदि आप भी उत्तर प्रदेश में रहते है, और इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना 2024 उत्तर प्रदेश, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, UP Solar Pump Scheme से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में बताया जा रहा है | 

इस राज्य में सोलर पंप लगाने के लिए भारी अनुदान, जानें पात्रता की शर्तें

इस राज्य में सोलर पंप लगाने के लिए भारी अनुदान, जानें पात्रता की शर्तें

किसान भाइयों को खेती के लिए सिंचाई की सही सुविधा हांसिल हो पाए, इसके लिए पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) चलाई जा रही है। 

इस योजना का संचालन भिन्न-भिन्न राज्यों में वहां की राज्य सरकार की तरफ से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप (solar pump) लगाने के लिए 60% प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। 

बतादें, कि इसी क्रम में यूपी सरकार की तरफ से राज्य के किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैय्या कराए जा रहे हैं। पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत राज्य में योजना के प्रथम चरण में लगभग 1000 सोलर पंप वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

इनमें से सबसे ज्यादा सोलर पंप का फायदा बनारस जनपद के कृषक को मिला है। यहां जनपद के 75 किसानों को फायदा प्राप्त हुआ, दूसरे वर्ष 56 किसान लाभान्वित हुए हैं। इस प्रकार जनपद में समकुल 131 किसानों को सोलर पंप का फायदा प्रदान किया गया है।

योजना के तहत कितने हजार सोलर पंप वितरित किए जाएंगे  

बतादें, कि योजना के अंतर्गत पूरे राज्य भर में 2023-24 में कुल 30,000 सोलर पंप का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रथम चरण में राज्य में 1000 सोलर पंप पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 

इसमें वाराणसी के किसान पीएम कुसुम योजना का भरपूर फायदा लेने में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं। यहां 2023-24 में कुल 131 किसानों का चुनाव इस योजना के अंतर्गत किया गया। 

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योजना के अंतर्गत सोलर पंप पर लगभग 90% प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार 3 से लेकर 10 एचपी तक के सोलर पंप उपलब्ध कराती है।  

सोलर पंप पर दिया जा रहा है शानदार अनुदान ?  

यूपी में पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के तहत किसानों को 3 एचपी से लेकर 10 एचपी के सोलर पंप पर 60 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। 

इसमें तीन हॉर्स पावर के पंप की कीमत 26,5439 रुपए है, जिसके लिए किसान को अपनी जेब से मात्र 26,544 रुपए जमा कराना है। 

मतलब कि किसान को केवल 10% प्रतिशत धनराशि ही देनी है। शेष धनराशि सरकार अनुदान के तौर पर दे रही है और 30% प्रतिशत की व्यवस्था बैंक ऋण से की जा सकती है।

किसानों को सोलर पंप के लिए बुकिंग कहां करानी होगी 

उत्तर प्रदेश में कुसुम योजना (Kusum Yojana) के तहत अच्छे खासे अनुदान पर सोलर पंप प्रदान किए जा रहे हैं। सोलर पंप के लिए किसान भाइयों को बुकिंग करानी होगी। बुकिंग कराने के दौरान किसान को 5,000 रुपए की टोकन मनी भी जमा करानी होगी तभी उसका पंजीकरण होगा। 

किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर जाकर आप बुकिंग करवा कर टोकन मनी जमा कराकर सोलर पंप के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। 

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किसानों की बुकिंग जनपद के लक्ष्य की सीमा से 110 प्रतिशत तक पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जा रही है। ऐसे में जो किसान योजना के तहत सब्सिडी पर अपने खेत में सोलर पंप लगवाना चाहते हैं, वे इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करा कर ऑनलाइन ही टोकन मनी जमा कर सकते हैं।

सोलर पंप सब्सिड़ी के लिए निम्नलिखित शर्तों का पालन करें  

किसानों को अनुदान पर सोलर पंप हांसिल करने के लिए योजना के अंतर्गत निर्धारित की गई शर्तों में सबसे पहले किसान के पास खुद का बोरिंग होना जरूरी है। तभी वे सोलर पंप के लिए बुकिंग करा सकते हैं। अगर सत्यापन के समय खेत में बोरिंग नहीं पाया गया तो टोकन मनी की राशि जब्त की जा सकती है।

टोकन कंफर्म करने के 14 दिन के अंतर्गत किसान को शेष धनराशि ऑनलाइन टोकन उत्पन्न कर चालान द्वारा इंडियन बैंक की किसी भी शाखा या ऑनलाइन तरीके से जमा करनी होगी।

किसान बैंक से लोन लेकर कृषक अंश जमा करने पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से नियमानुसार ब्याज में छूट का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

2 एचपी के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच तथा 7.5 एचपी एवं 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग होना जरूरी है।

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बतादें, कि इसी तरह 22 फीट तक 2 एचपी सबमर्सिबल, 50 फीट तक 2 एचपी सबमर्सिबल, 150 फीट तक 3 एचपी सबमर्सिबल, 200 फीट तक 5 एचपी सबमर्सिबल, 300 फीट तक गहराई पर उपलब्ध जल स्तर के लिए 7.5 एचपी और 10 एचपी सबमर्सिबल सोलर पंप उपयुक्त माने गए हैं। इसी के अनुसार सोलर पंप की स्थापना की जानी चाहिए।

सोलर पंप की स्थापना होने के पश्चात किसान इसकी जगह को बदल नहीं सकते हैं। अगर स्थान बदला जाता है, तो संपूर्ण अनुदान की धनराशि किसान से वसूल की जाएगी।

इस राज्य में सिंचाई पंप सेट पर मिल रहा भारी अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया

इस राज्य में सिंचाई पंप सेट पर मिल रहा भारी अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया

किसान भाइयों को सिंचाई की बेहतर सुविधा देने के मकसद से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत कृषकों को कृषि सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ मुहैय्या कराया जाता है, जिससे कि वे सिंचाई में काम आने वाले कृषि यंत्रों की सस्ती कीमत पर खरीद कर सकें। 

इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से कृषकों को सिंचाई पंप सेट पर सब्सिडी दी जा रही है। 

सिंचाई पंप सेट पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 55 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान आधी कीमत पर सिंचाई के लिए पंप सेट की खरीद कर सकते हैं। 

इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से राज्य के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इच्छुक किसान इस कल्याणकारी योजना के तहत आवेदन करके सब्सिडी का फायदा प्राप्त कर सकते हैं।

पंप सेट का उपयोग किन कार्यों में किया जाता है ?  

पंप सेट की सहायता से किसान कुएं और तालाब या होद जो भी जल संचय के लिए तैयार किया गया है। इस पंप सेट का उपयोग पानी को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। 

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पंप सेट की सहायता से किसान पानी को गहरे जल संचय स्त्रोतों से निकालकर पाइप द्वारा इच्छित जगह पर ले जा सकते हैं। 

साथ ही, कृषि सिंचाई यंत्र की मदद से फसलों की सिंचाई का कार्य कर सकते हैं। सिंचाई पंप सेट दो तरह के होते हैं। पहला डीजल पंप सेट और दूसरा विद्युत पंप सेट। इनकी कीमतें भी भिन्न-भिन्न होती हैं।

सिंचाई पंप सेट पर कितना अनुदान मिलेगा ? 

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के किसानों को सिंचाई यंत्रों पर 40 से लेकर 55% प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें पंप सेट पर किसानों को 55% प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। 

इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और लघु व सीमांत किसानों को 55% प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। जबकि सामान्य किसानों को 40% प्रतिशत ही अनुदान दिया जाएगा।

योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी कागजात  

अगर आप योजना के अंतर्गत सिंचाई पंप की खरीद पर सब्सिडी का लुफ्त उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा। 

आवेदन करते समय आवेदक की आधार कार्ड की कॉपी, बैंक पासबुक के प्रथम पेज की कॉपी, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र (केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसानों के लिए), बी-1 की प्रति, बिजली कनेक्शन का प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी है। 

सिंचाई पंप के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है ?

अगर आप मध्यप्रदेश के किसान हैं, तो आप इस योजना के अंतर्गत पंप सेट खरीदने के लिए अनुदान का लाभ हांसिल कर सकते हैं। 

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योजना के अंतर्गत कृषि सिंचाई यंत्र प्राप्त करने के लिए आप इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://farmer.mpdage.org/home/LandingIndex# पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

वहीं, योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने जनपद के कृषि विभाग से संपर्क साध सकते हैं।

पाइप लाइन के लिए भी अनुदान प्रदान किया जाएगा

मध्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई पंप पर अनुदान के अतिरिक्त खेत में पाइप लाइन बिछाने के लिए भी सब्सिड़ी का फायदा प्रदान किया जाएगा। 

राज्य के कृषकों को राष्ट्रीय मिशन ऑन ईडिबल ऑइल तिलहन (National Mission on Edible Oil Oilseeds), खाद्य एवं पोषण सुरक्षा दलहन (Food and Nutrition Security Pulses), पोषण सुरक्षा गेहूं (nutritional security wheat), पोषण सुरक्षा टरफा योजना (Nutrition Security Turfa Scheme) के तहत किसानों को पाइप लाइन एवं डीजल/विदयुत पंप सेट (Pipe Line and Diesel/Electric Pump Set) पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। 

बतादें, कि इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज दलहन के तहत भी पाइप लाइन सेट व पंपसेट पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 

इस योजना के  अंतर्गत राज्य के पात्र किसान आवेदन करके पाइप लाइन व डीजल/विद्युत पंप पर अनुदान का फायदा हांसिल कर सकते हैं।